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दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नए सेशन में स्कूल खुल चुके हैं। पिछले करीब तीन साल कोरोना के चलते परेशान रहे पैरंट्स, टीचर्स और छात्रों को इस नए सेशन से काफी उम्मीदें भी हैं। मसलन एक शिक्षक कहते हैं कि पिछला साल बच्चों को सेटल होने में लग गया, लेकिन इस साल उनके पास ढेर सारे मौके होंगे खुद को साबित करने के। लेकिन इसी के साथ कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं। फिर पिछले दिनों एच3एन2 भी लोगों को बीमार कर रहा था। साथ ही, कभी गर्मी तो कभी बारिश के चलते ठंडक के अहसास के साथ मौसम भी लगातार रंग बदल रहा है। ऐसे में, बच्चों में खांसी-जुकाम के मामले भी सामने आ रहे हैं। इन सब वजहों से पैरंट्स एक बार फिर अपने बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित हैं, वे वहीं बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं।कोरोना ही नहीं, बल्कि बच्चों से जुड़े अन्य रोग भी बच्चों को बीमार कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आपका बच्चा बीमार है, तो उसे स्कूल ना भेजें। पीएसआरआई अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीतू जैन कहती हैं कि अभी तक तो कोरोना खतरनाक नहीं है। लेकिन फिर भी अपना बचाव करना चाहिए। मैं यही कहूंगी कि अगर बच्चे को खांसी-जुकाम या इस तरह की कोई अन्य बीमारी है, तो उसे स्कूल ना भेजें। इस बार कोरोना में बुखार नहीं बल्कि खांसी का लक्षण सामने आ रहा है, तो अगर ऐसा कोई लक्षण सामने आ रहा है तो बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही अगर किसी को कोई दूसरी बीमारी है, तो उसके लिए बचाव ज्यादा जरूरी हो जाता है।’
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