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NEW DELHI: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला अधिकारियों के उत्पीड़न से जुड़ा है। अब दिल्ली सरकार ने एलजी ऑफिस के दावे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

NCCSA अध्यादेश से ध्यान भटकाना चाहते हैं: LG

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा कि अफसरों  के द्वारा लगाई उत्पीड़न की शिकायतें पूरी तरह से गलत हैं, एलजी 'गंदी राजनीति' कर रहे हैं। सरकार ने अपने बयान में कहा कि यह शिकायतें पूरी तरह से गलत हैं।

एलजी सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश को अध्यादेश के जरिए पलटकर न्यायपालिका पर केंद्र सरकार के सीधे हमले के खिलाफ जनता के ध्यान को भटकाना चाहते हैं। इसलिए वह गंदी राजनीति कर रहे हैं।    

एलजी ऑफिस ने किया दावा

दरअसल,उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से शनिवार को दावा किया गया कि आप सरकार ने दिल्ली सरकार और एमसीडी में काम करने वाले अधिकारियों का उत्पीड़न किया है। उन्हें बीते कुछ माह में अधिकारियों के उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं। कुछ शिकायतें दिल्ली के साथ-साथ पंजाब सरकार से भी संबंधित हैं।

उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, दो शिकायतें इस साल की शुरुआत में मिली थीं। जबकि 11 मई को आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद छह शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि दिल्ली और पंजाब में आप की सरकारों ने पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रतिशोध में उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को परेशान करना शुरू कर दिया है। जिन अधिकारियों ने आप सरकार के खिलाफ शिकायत की है।

इन अधिकारियों ने लगाए सरकार पर आरोप

शिकायतकर्ताओं में मुख्य सचिव नरेश कुमार, पूर्व सेवा सचिव आशीष माधोराव मोरे, विशेष सचिव किन्नी सिंह, वाइवीवीजे राजशेखर और ऊर्जा सचिव शूरबीर सिंह जैसे आइएएस अधिकारी शामिल हैं।


वहीं, आइपीएस अधिकारी और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख मधुर वर्मा, एमसीडी के गृहकर विभाग में आईपीएस अधिकारी एवं मुख्य मूल्यांकनकर्ता और गृहकर समाहर्ता कुणाल कश्यप व तदर्थ दानिक्स अधिकारी और सेवा विभाग में उपसचिव अमिताभ जोशी ने भी शिकायत की है।