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DELHI: आंबेडकर नगर में रहने वाले योगेंद्र कुमार (बदला हुआ नाम) को समलैंगिक संबंध (गे रिलेशन) बनाने से मना करने पर उसके दोस्त ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद मामले को उलझाने के लिए पांच दिनों तक योगेंद्र के परिवारवालों को फोन कर 20 लाख रुपये की फिरौती मांगता रहा। तकनीकी सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा, जिसकी पहचान न्यू अशोक नगर निवासी शशांक सिंह (27) के तौर पर हुई है। हत्या में इस्तेमाल कार और पिस्टल भी बरामद कर ली गई है। पुलिस ने अपने बयान में यह कहा है कि अभी तक यह साफ नहीं है कि कौन किससे सेक्सुअल फेवर मांग रहा था।
साउथ दिल्ली की डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि 9 जुलाई को योगेंद्र नौकरी की तलाश में घर से निकला था। लेकिन, जब रात को भी नहीं लौटा तो अगले दिन 10 जुलाई को परिजनों ने आंबेडकर नगर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई। इसी बीच 14 जुलाई को परिजनों के पास 20 लाख की फिरौती का फोन आया। बातचीत कर फिरौती की रकम 15 लाख में तय भी हो गई। आरोपी ने 16 जुलाई को फिर फोन कर कहा कि रुपये भेजो। इस बार परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी।द्वारका के मॉल के CCTV फुटेज में
आंबेडकर नगर के अलावा जीके, सीआर पार्क और एएटीएस टीम आरोपी की तलाश में जुट गई। टीम को पता चला कि योगेंद्र 9 जुलाई की रात द्वारका सेक्टर-16 के प्लाजा मॉल गया था। वहां ऑनलाइन भुगतान करके पिज्जा खरीदा था। वहां पर एक गाड़ी नजर आई, जिसमें से दो शख्स उतरे थे। एक काले कपड़े पहने हुए था और दूसरा योगेंद्र था। फोटो देखकर परिवारवालों ने दूसरे शख्स की पहचान शशांक के रूप में की। पुलिस लीड के सहारे 1 अगस्त को अशोक नगर इलाके में उस गाड़ी तक पहुंच गई। गाड़ी के पास एक स्कूटी भी मिली। इसके बाद पुलिस ने शशांक को दबोच लिया।
पूछताछ में शशांक ने बताया कि उसने योगेंद्र को जॉब दिलवाने की बात कहकर मूलचंद के पास बुलाया था और बाद में द्वारका के सुनसान इलाके में ले गया, जहां आरोपी ने उससे गे-रिलेशन बनाने की बात कही। लेकिन जब योगेंद्र ने इससे इनकार कर दिया तो आरोपी ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को एक सूटकेस में बंद कर नाले में फेंक दिया।
फिर गाड़ी को साफ कर अपने कपड़े व पिस्टल यमुना नदी में फेंक दिए।
करीब एक महीने पहले योगेंद्र और शशांक की मुलाकात एक एलजीबीटी पार्टी में हुई थी। दोनों में दोस्ती हो गई और बातचीत करने लगे। शशांक को पता चला कि योगेंद्र को नौकरी की जरूरत है। उसने उसे नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान उनकी कई बार मुलाकात भी हुई। फिर 9 जुलाई को शशांक ने योगेंद्र को मूलचंद के पास बुलाया। जिसके बाद दोनों ने पिज्जा खाया और बीयर पी। उसके बाद द्वारका में दोनों सुनसान जगह पर गए, जहां रिलेशन बनाने से इनकार पर हत्या कर दी।केस को भटकाने के लिए रची फिरौती की साजिश
योगेंद्र की गोली मारकर हत्या करने के बाद, शाशांक ने उसके शव को सूटकेस में पैक किया और द्वारका सेक्टर 14बी के नाले में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने बिहार के अपने एक दोस्त से पिस्तौल खरीदी थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपनी कार को साफ किया और खून लगी चीज़ों को यमुना में फेंक दिया। 12 जुलाई को आरोपी ने पिस्तौल भी यमुना में फेंक दी। आरोपी मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रहा है और उसे इस बात की जानकारी थी कि पीड़ित की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस बेवसाइट पर अपलोड की जाएगी। पुलिस वेबसाइट से जानकारी मिलने के बाद उसने केस को भटकाने के इरादे से 13 जुलाई को एक सिम कार्ड खरीदा और पीड़ित के परिवार को फिरौती की मांग करने के लिए कॉल किया।
उसने परिवार को की कॉल किए और जब परिवार ने उससे किडनैपिंग का प्रूफ मांगा तो उसने कॉल काट दी।द्वारका मॉल की सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंची। पुलिस ने बताया कि मर्डर करने के बाद आऱोपी ने नोएडा के एक एटीएम से 27 हजार रुपये भी निकाले थे। एटीएम की फुटेज से पता चला है कि रकम निकालते वक्त उसने एटीएम के अंदर भी हेडमेट पहना हुआ था। वह सीसीटीवी में स्कूटर पर आते हुए नजर आया। इस फुटेज से मिली लीड को ट्रेस करते हुए पुलिस आरोपी तक पहुंची और उसे अरेस्ट किया।
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