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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में वामपंथी छात्र संगठन अपना दम नहीं दिखा सके। उन्हेंं अपेक्षाकृत वोट भी नहीं मिले। मतगणना के दौरान कई चरणों में प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मत हासिल हुए।
अपने गढ़ में भी कमाल नहीं दिखा सके वाम संगठन
छात्रों का कहना है कि डीयू के चुनिंदा कालेजों में वामपंथी संगठन सक्रिय हैं। उनका अधिक दबदबा नार्थ कैंपस में ही है, लेकिन वे यहां भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।
ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की ओर से सभी पदों पर चुनाव लड़ा गया था। आइसा के उम्मीदवार किसी भी चरण में असरदार नहीं दिखे। आइसा ने अध्यक्ष पद के लिए आयशा अहमद खान, उपाध्यक्ष के लिए अनुष्का चौधरी, सचिव के लिए आदित्य प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव के लिए अंजलि कुमारी को मैदान में उतारा था।
आयशा को 3335 वोट हासिल हुए। हालांकि, आयशा तीसरे नंबर पर रहीं। लेकिन उनका असर दिखाई नहीं दिया। उपाध्यक्ष की प्रत्याशी अनुष्का को 3492 वोट मिले, जबकि उपाध्यक्ष पद पर 3914 वोट नोटा को ही डाले गए थे। सचिव पर लड़ रहे आदित्य प्रताप सिंह को 3884 वोट मिले। यहां नोटा को 5108 वोट दिए गए। संयुक्त सचिव पर अंजलि मैदान में थीं। उन्हें 4195 वोट मिले। यहां भी नोटा को उनसे अधिक 4786 वोट हासिल हुए।
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