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NEW DELHI: राजधानी दिल्ली का प्रदूषण लंबे समय से यहां के निवासियों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है. हालात ऐसे हैं कि आंखों में जलन, गले मे इंफेक्शन और बुजुर्गों में सांस की समस्या तो आम बात हो गई है. वहीं इसे लेकर दिल्ली सरकार (Delhi Government) काफी गंभीर है और लगातार प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों में लगी हुई है. इसके परिणामस्वरूप दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कमी देखी जा रही है.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के मुताबिक वर्ष 2022-23 के दौरान शहर में पीएम 10 का वार्षिक औसत 2014 के 324 पीपीएम से घटकर 2022 में 223 पर आ गया है. जबकि पीएम 2.5 का स्तर भी 149 से घट कर 103 हो गया है. इसके साथ ही 2022 सर्दियों के मौसम में वायु गुणवत्ता के हिसाब से 180 अच्छे और सामान्य दिन दर्ज किए गए. जबकि 2016 में केवल 106 दिन ही ऐसे रहे थे जिन्हें अच्छे और सामान्य कहा जा सकता है. इसके साथ ही पिछले पांच वर्ष की तुलना में गंभीर, अतिगंभीर दिनों की संख्या में भी कमी आई है.
56 बहुमंजिली इमारतों पर लगाई जाएंगी एंटी स्मॉग गन
दिल्ली सरकार का पर्यावरण विभाग लगातार बढ़ते हुए प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रयासरत है. इसके तहत दिल्ली में 26 स्थानों पर प्रदूषण निगरानी की जा रही है और धूल नियंत्रण के लिए सड़कों पर 193 एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं. वहीं अब तक 56 ऐसे बहुमंजिली व्यवसायिक भवनों की पहचान की गई है जिनके ऊपर भी एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इन एंटी स्मॉग गन से हवा में मौजूद धूल-कणों को जमीन पर स्थिर किया जा सकेगा. इससे ये वापस हवा में मिल कर वातावरण को प्रदूषित ना करें और इससे लोगों को होने वाली परेशानियों को कम से कम किया जा सके.
धूल नियंत्रण उपायों के लिए वेब पोर्टल
प्रदूषण नियंत्रण पर पूछे एक सवाल के जवाब में विधानसभा के सदन पटल पर बताया गया कि 500 वर्ग मीटर से ऊपर लगभग 987 निर्माण स्थलों ने धूल नियंत्रण उपायों के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. जबकि ग्रीन वॉर रूम और ग्रीन दिल्ली ऐप पर 27 सरकारी विभागों, एजेंसियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाता है. इस ऐप पर करीबन 58 हजार से अधिक शिकायतें मिली जिसमें 90 प्रतिशत का समाधान कर दिया गया है.
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