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NEW DELHI: अखिलेश के पीडीए समीकरण, उस पर मायावती के कटाक्ष और यूपीए-3 को लेकर कपिल सिब्बल के बयान पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की एकता बयानों से ज्यादा अहम है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार जरूरी है. यह लड़ाई गोडसे और गांधी की विचारधारा के बीच है.विपक्ष के चेहरे को लेकर रविशंकर प्रसाद के सवाल पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि वो अपनी उपेक्षा से दुखी हैं, चाहें तो विपक्षी खेमे में आ जाएं. दरअसल, कपिल सिब्बल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में असली विपक्ष का प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी करती है. राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस का कनिष्ठ सहयोगी रहना अच्छा होगा. बसपा की मायावती इन सभी में शामिल नहीं हैं, इसलिए गठबंधन की कोई संभावना नहीं है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह सभी संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगी. बिहार में भी कांग्रेस की कोई वास्तविक उपस्थिति नहीं है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि उस मोर्चे पर कोई समस्या है."
साथ ही यूपीए-3 को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि उन राज्यों और निर्वाचन क्षेत्रों में टिकट वितरण के समय लेने-देने की जरूरत है, जहां दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों के उम्मीदवार एक ही सीट के लिए लाइन में खड़े हो. मुझे लगता है कि इन तीन चीजों पर सहमति बन जाने पर यूपीए-तीन की काफी संभावनाएं हैं.
आदिपुरुष फिल्म को लेकर दिया ये बयान
आदिपुरुष विवाद को लेकर भी प्रमोद तिवारी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अदिपुरुष फिल्म बनाने वालों पर मुकदमा दर्ज हो और बीजेपी के नेता माफी मांगें. सड़कछाप डायलॉग घर घर पहुंच गए, अब हटा कर क्या होगा? फिल्म में सीता जी के कपड़ों पर भी प्रमोद तिवारी ने सवाल उठाए और कहा कि ये फिल्म धार्मिक भावना भड़काने के लिए बनवाई गई है.
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