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चिकनगुनिया वैक्सीन का तीसरा ह्यूमन ट्रायल हुआ सफल, एक डोज में बीमारी से मुक्ति

THN Network 



HEALTH: चिकनगुनिया वैक्सीन के तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल सफल हो गया है. जब इसका पहला शॉट इंसानों को लगाया तो इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले थें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब भी मौसम बदलता है या बारिश-धूप होती है तो चिकनगुनिया के केसेस बढ़ने लगते हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जिससे पूरा विश्व परेशान है. चिकनगुनिया का वैक्सीन जब बनकर तैयार हो जाएगा तो एक बड़ी आबादी को इससे मदद मिल पाएगी. 

12 जून को लांसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चिकनगुनिया की बीमारी से बचने के लिए यह वैक्सीन कारगर साबित होने जा रही है. साथ ही इससे लाखों लोगों की मदद हो सकेगी. क्योंकि इस वैक्सीन में क्षमता है कि वह लोगों को इस बीमारी से बचा सके. इस वैक्सीन का जब ह्यूमन ट्रायल किया गया तो रिजल्ट चौंकाने वाले थे जिसमें कहा गया कि सिर्फ 28 दिन में इस बीमारी से पीड़ित मरीज 98-9 प्रतिश तक ठीक हो जा रहा है. 

चिकनगुनिया के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं

किसी व्यक्ति को अगर चिकनगुनिया हो जाए तो उसके शुरुआती लक्षण होते हैं जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार और शरीर पर लाल चकत्ते होना. चिकनगुनिया उतना घातक नहीं है, लेकिन कोई भी बीमारी सुखद नहीं होता है. एक बार चिकनगुनिया हो जाए तो आप दो सप्ताह तक बीमार रह सकते हैं. इसके अलावा, गंभीर मामलों में आपको बहुत दर्दनाक गठिया हो जाता है जो हफ्तों तक रह सकता है. जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पीटर क्रेम्सनर ने कहा कि यह बीमारी बदलते मौसम के कारण होता है और यह किसी भी व्यक्ति को हो सकता है. 

चिकनगुनिया का अभी तक वैक्सीन नहीं बना था

यह बीमारी अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप और अमेरिका के उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के कई क्षेत्रों में मौजूद है. अभी तक चिकनगुनिया का कोई इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है.

लाइव-एटेन्यूएटेड वैक्सीन, VLA1553, चिकनगुनिया के ला रीयूनियन स्ट्रेन पर आधारित है. जो पूर्व मध्य दक्षिण अफ्रीकी जीनोटाइप का है. 

रिसर्च के मुताबिक चिकनगुनिया के सिंगल शॉट के बाद ही मरीज ठीक हो जाएगा और कुछ दिनों के अदर ही वह इस वायरस से मुक्ति पा लेगा. 


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