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" झूठ फ़ैलाया गया कि फर्जीवाड़ा हो गया": बीजेपी के आरोपों पर राघव चड्ढा का पलटवार - Farziwada

THN Network 

NEW DELHI: इन दिनों संसद के मानसून सत्र में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेर रहा है. नतीजतन संसद में जोरदार हंगामा भी देखने को मिल रहा है. इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दिल्ली सेवा बिल मामले में फर्जीवाड़े के आरोपों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नई परंपरा मोदी सरकार ने शुरू की है जो खिलाफ बोले उसको बाहर करो, FIR करो. यहां तक कि गृह मंत्री ने सदन में झूठ बोला. सेलेक्ट कमिटी में किसी का भी नाम प्रस्तावित कर सकते हैं, कोई हस्ताक्षर ज़रूरी नही. आपका एक ही मकसद है, वो ये है कि जैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता ली, वैसे राघव चड्ढा की सदस्यता ली जाए.

इसी मसले पर राघव चड्ढा ने कहा कि BJP का मंत्र है कि एक झूठ को हज़ार बार बोलो तो वो सच मे तब्दील हो जाएगा. मुझे मजबूरन BJP के झूठ का पर्दाफाश करने आना पड़ा. समिति या आसान के बारे में नहीं बोलूंगा केवल नियम पर बोलूंगा. रूल बुक के मुताबिक सेलेक्ट कमिटी में नाम प्रस्तावित करने के लिए आपको लिखित सहमति या हस्ताक्षर चाहिए. झूठ फ़ैलाया गया कि फर्जीवाड़ा हो गया. BJP को चुनौती है कि वो कागज़ लेकर आएं जहां हस्ताक्षर हों...कहां है वो कागज़, ये सब क्यों हुआ?

इसके आगे राघव चड्ढा ने कहा कि ये सब इसलिए हुआ कि एक 34 साल के युवा ने हमको सवाल कैसे पूछे, ललकारा कैसे?हमने उनका डबल स्टैण्डर्ड एक्सपोज़ किया, BJP मेरे पीछे पड़ गई है, ये दूसरा नोटिस है विशेषाधिकार का इसी हफ़्ते में. जैसे राहुल गांधी की सदस्यता छीनी, हमारा दो सांसद ससपेंड कर दिया उसी तरह अघोषित आपातकाल लगाने की कोशिश है. मेरी आवाज दबेगी नहीं. बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश करने के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा ने ‘फर्जीवाड़ा' किया और जिस पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग की गई.

चड्ढा के राज्यसभा में सहयोगी संजय सिंह सहित आप नेताओं ने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भगवा दल ‘झूठ' फैला रहा है. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने सोमवार को घोषणा की थी कि कम से कम चार सांसदों द्वारा की गई शिकायत की जांच की जाएगी. सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक को लेकर प्रस्तावित प्रवर समिति में उनके नाम का प्रस्ताव बिना उनकी सहमति के किया गया. चड्ढा ने उच्च सदन में दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक की जांच करने के लिए प्रवर समिति गठित करने का प्रस्ताव किया था.

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